गोल्ड-सिल्वर (Gold-Silver Ratio) रेश्यो को आसान भाषा में समझें
बाजार में किसी भी शेयर या कमोडिटी कीमतों की चाल को समझने के लिए ट्रेडर्स कई तरह के तरीके अपनाते हैं। जैसे मान लीजिए शेयर का प्राइस अर्निंग रेश्यो, अलग-अलग प्राइस ट्रेंड, सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल और कई टेक्निकल स्ट्रैटेजी के जरिए कीमतों में भविष्य में तेजी या मंदी का पता लगाने की कोशिश करते हैं।
गोल्ड-सिल्वर (Gold-Silver) रेश्यो के क्या हैं मायने?
इसी तरह से गोल्ड और सिल्वर (Gold-Silver Ratio) के हिस्टोरिकल प्राइस (पिछला भाव) के आधार पर औसत भाव निकाले जाते हैं। सोने का भाव चांदी के भाव से कितना ज्यादा है, यानी 1 औंस सोने से आप कितना चांदी खरीद पाएंगे यही गोल्ड-सिल्वर रेश्यो है। पिछले 100 साल के इतिहास को अगर देखें तो गोल्ड-सिल्वर रेश्यो अधिकतक 96 की ऊंचाई तक गया है। और इस रेश्यो में समय के साथ बदलाव होता रहता है।
Gold-Silver रेश्यो (Ratio) क्या है?
ट्रेडर्स मानते हैं कि सोने-चांदी (Gold-Silver) का रेश्यो अगर कम होता है तो चांदी की कीमतों में तेजी की संभावना ज्यादा है। सोने-चांदी (Gold-Silver) का रेश्यो ये दर्शाता है कि एक औंस सोने से आप कितनी चांदी खरीद सकते हैं। ये रेश्यो जितना ज्यादा होगा इसका मतलब है कि सोने की कीमत उतनी ज्यादा होगी। अगर ये रेश्यो कम है तो समझ लीजिए की चांदी में तेजी आ रही है। सोने में अगर निवेश बढ़ता है और चांदी में निवेश कम हो रहा है तो गोल्ड-सिल्वर (Gold-Silver) रेश्यो (Ratio) बढ़ता चला जाएगा।
सोने-चांदी का अनुपात (Ratio) कब बढ़ता-घटता है?
आमतौर पर जब ग्लोबल इकोनॉमी में मंदी आती है तो लोग सोने की तरफ रुख करते हैं। उन्हें सुरक्षित निवेश के तौर पर सोना सबसे ज्यादा बेहतर लगता है। ऐसा जरूरी नहीं है कि चांदी भी सोने के साथ तेजी से चले। ऐसे दौर में सोना महंगा होगा तो सोने-चांदी (Gold-Silver) का रेश्यो बढ़ जाएगा। दूसरी तरफ जब सोने की तेजी लगातार बढ़ती जाती है और एक ऐसा समय आता है जब चांदी सस्ती लगने लगती है, फिर लोग चांदी का रुख करने लगते हैं, ऐसे दौर में सोने-चांदी (Gold-Silver) का रेश्यो कम होने लगता है।
2008 की ग्लोबल मंदी के दौरान सोने-चांदी का रेश्यो बढ़कर 80 के पार कर गया था। 2019 में भी सोने-चांदी का अनुपात 90 के करीब भी पहुंच गया है। इस वजह से लोगों को चांदी ज्यादा आकर्षक दिखने लगा है। और उन्हें लगता है कि सोने यहां से बहुत ज्यादा तेजी नहीं आएगी, लेकिन चांदी शानदार रिटर्न दे सकती है।